4 साल, 6 राज्य, 700 गवाह…सत्ता, सेक्स और साजिश के खुलासे की सनसनीखेज दास्तान, ऐसे खुली पूर्व BJD MLA अनूप कुमार साय की क्राइम कुंडली

कहते हैं कानून के हाथ बहुत लंबे होते हैं। बीजू जनता दल के पूर्व विधायक अनूप कुमार साय द्वारा डबल मर्डर के खुलासे में यह बात पूरी तरह से साबित हो जाती है। कल अनूप कुमार साय को आजीवन कारावास की सजा हुई है। इस केस को सुलझाने में छत्तीसगढ़ पुलिस ने चार साल तक छह राज्यों के 700 गवाहों से पूछताछ की। तब कहीं जाकर खुली सत्ता, सेक्स और साजिश की हैरान करने वाली कहानी।

दो अज्ञात शव और शिनाख्त
इस कहानी की शुरुआत होती है 7 मई 2016 से। कमलेश गुप्ता नाम के शख्स ने छत्तीसगढ़ के रायगढ़ जिला स्थित चक्रधरनगर थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई। इसके मुताबिक मां शाकंबरी प्लांट के रास्ते पर अज्ञात महिला और बालिका का शव पाया गया था। पुलिस ने मामला दर्ज कर लिया और शवों की शिनाख्त में जुट गई। सीसीटीवी फुटेज की तलाशी, मोबाइल टॉवर से डाटा एनालिसिस के साथ-साथ जिले भर से गायब हुए लोगों के बारे में जानकारी जुटाई गई। महाराष्ट्र, यूपी, पश्चिम बंगाल, झारखंड और यूपी तक में इश्तेहार लगाए गए। आखिर पुलिस की कवायद रंग लाई। इन्हीं इश्तेहरों को देखकर एक दिन एक शख्स रायगढ़ पुलिस के पास पहुंचा। सुनील श्रीवास्तव नाम के इस शख्स के मुताबिक दोनों शवों में एक उसकी पूर्व पत्नी 32 वर्षीय कल्पना और दूसरा शव उसकी 14 वर्षीय बेटी बबली का था। 

सत्ताधारी नेता से जुड़ने लगे तार
अब पुलिस की जांच में तेजी आ गई। छत्तीसगढ़ पुलिस ने महिला के पास से मिले मोबाइल की कॉल डिटेल पर काम करना शुरू कर दिया। इस जांच में पुलिस को कुछ चौंकाने वाले साक्ष्य हाथ लगे। कॉल डिटेल में ओडिसा के एक हाई प्रोफाइल व्यक्ति का नाम केस से जुड़ने लगा। यह व्यक्ति न सिर्फ पॉलिटिशियन था, बल्कि ओडिसा के सत्ताधारी दल बीजू जनता दल से भी ताल्लुक रखता था। इस शख्स का नाम था अनूप कुमार साय। इस तरह किसी राजनीतिक व्यक्ति के ऊपर हाथ डालना बेहद रिस्की था। लेकिन पुलिस के पास ठोस सुबूत थे, ऐसे में अनूप कुमार साय को थाने में पेश होने के लिए नोटिस भेज दिया। अनूप कुमार साय हाजिर हुआ तो पुलिस की टीम ने उसके साथ पूछताछ करना शुरू किया। शुरुआती पूछताछ में अनूप कुमार साय  पुलिस के साथ बिल्कुल भी सहयोग नहीं कर रहा था। लेकिन जब पुलिस ने एक के बाद एक ठोस सुबूत पेश करने शुरू हुए तो वह टूट गया। 

सहारा और अवैध संबंध
इसके बाद सामने आई डबल मर्डर की हैरतअंगेज कहानी। पुलिस के मुताबिक अनूप कुमार साय ने बताया कि वह ओडिसा के झारसुगुड़ा जिले का रहने वाला है। उसके मुताबिक साल 2004-05 में कल्पना के पति सुनील ने उसे छोड़ दिया। तब कल्पना के पिता उसे और उसकी बेटी को लेकर अनूप कुमार साय के पास पहुंचे। अनूप ने कल्पना को सहारा दिया और दोनों के बीच अवैध संबंध भी कायम हो गए। दोनों मिलने-जुलने लगे और उनकी मोबाइल पर बातें भी होने लगीं। अनूप कुमार साय की पत्नी और बच्चे भुवनेश्वर में रहते थे, इसलिए उसे इसमें कोई बाधा पहुंचाने वाला भी नहीं था। अनूप के मुताबिक उसने कल्पना की बेटी एडमिशन इंग्लिश मीडियम स्कूल में कराया। दोनों को देश-विदेश की खूब सैर कराई। यह सब 2011 तक ठीक-ठाक चलता रहा। 2011 में अनूप ने भुवनेश्वर में पत्नी के नाम पर जमीन ली। इसके साथ ही उसे शरद नाम के एक व्यक्ति को ठेके पर बनाने के लिए दे दिया। तीन मंजिला घर जब बनकर तैयार हुआ तो शरद ने कल्पना और उसकी बेटी को अपनी पत्नी और बेटी बताकर उस घर में रख दिया। यह अनूप साय के लिए एक सुरक्षित ठिकाना हो गया था। जहां वह बिना पत्नी की नजरों में आए बेरोकटोक कल्पना से मिलता-जुलता रहता था। 

लालच और फिर ब्लैकमेलिंग
इतने दिन तक अनूप कुमार साय के साथ रहने के बाद अब कल्पना के मन में भी लालच घर करने लगा था। अनूप के मुताबिक कल्पना अब अनूप के ऊपर शादी के लिए दबाव बनाने लगी थी। वह अपनी बेटी के साथ मिलकर उसने पैसे और घर के लिए ब्लैकमेल करने लगी थी। यह सारी बातें अनूप के लिए परेशानी का सबब बनने लगी थीं। उसने बताया कि मैं पहले से शादीशुदा था और कल्पना से शादी नहीं कर सकता था। ऐसे में मैंने कल्पना और उसकी बेटी को रास्ते से हटाने की योजना बनाई। इसमें मैंने अपने ड्राइवर बर्मन को भी शामिल किया। 

शादी का वादा, जो मर्डर में तब्दील हो गया
तयशुदा प्लान के मुताबिक अनूप ने कल्पना से शादी का वादा किया। इसके बाद अनूप ने कल्पना और और उसकी बेटी को 5 मई 2016 को भुवनेश्वर से बस द्वारा झारसुगड़ा भेज दिया। यहां दोनों को एक होटल में रुकवाया। वह कल्पना के साथ मोबाइल पर बातें भी करता रहा, ताकि उसे किसी तरह से शक न हो। फिर उसी रात वह ड्राइवर बर्मन के साथ कार से उनके पास पहुंचा। यहां से अनूप ने कल्पना रायगढ़ के मंदिर में शादी का झांसा दिया। रायगढ़ में उन्होंने होटल तलाश करने का नाटक किया। इसके बाद मां शाकंबरी प्लांट के पास यह कहकर मां-बेटी को उतार दिया कि वह उन्हें किसी रिश्तेदार के यहां रुकवाएगा। लेकिन गाड़ी से उतरते ही मां-बेटी पर प्राणघातक हमले किए गए। जैसे ही दोनों जमीन पर गिरे उनके शव को वाहन से रौंद दिया गया, ताकि कोई पहचान न सके। कत्ल को अंजाम देने के बाद सभी आरोपी हमीरपुर होते हुए ओडिसा भाग गए।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button